भोले भंडारी नहीं
बनो महाकाल,
करो तांडव
असत्य पर,
पाप का करो
हलाहल पान,
कर दो दमन
हिम जैसे अहम् का,
अवतरण कर दो
पापनाशिनी गंगा का ,
जागो युगों के
साधना से,और
साधो पापकर्म को
आततायिओं का वध कर
पाप-मुक्त कर दो
सातों भुवन -भांड।
स्वाति वल्लभा राज