जज्बों पर पड़े ठन्डे सर्द लिखती हूँ
दर्द लिखती हूँ,
फलक पर दर्द लिखती हूँ ।
गुम हुए अपने शब्द लिखती हूँ
दर्द लिखती हूँ,
फलक पर दर्द लिखती हूँ ।
रूह पर पड़े, फैले गर्द लिखती हूँ
दर्द लिखती हूँ,
फलक पर दर्द लिखती हूँ ।
हर ख्वाइशों के रंग ज़र्द लिखती हूँ
दर्द लिखती हूँ,
फलक पर दर्द लिखती हूँ ।
दूध को बेआबरू करता मर्द लिखती हूँ
दर्द लिखती हूँ,
फलक पर दर्द लिखती हूँ ।
स्वाति वल्लभा राज