बस इसी की कमी रह गयी थी। जिस चीज की लत परिवार और समाज की नींव हिला रही है, उसे और आसानी से उपलब्ध कराना । मैं हैरानी में थी जब पिछले २-४ दिनों से liquid basket का ऐड देख रही थी। आज जब उस साईट को लॉग इन किया तो बस मुझे अपना DOB एंटर करने को कहा । हासास्यपद तो ये लगा कि ऐसा करने के पीछे वजह ये लिखा था कि आपकी age कन्फर्म हो जाये ( आप लीगली alcohol ले सके )
क्या अगर कोई बच्चा गलत DOB एंटर करके इसका सेवन करे? आज कल ९-१० के बच्चों के पास भी अच्छी खासी pocket money होती है। अगर घर से बाहर पढ़ाई कर रहे हैं तो debit और क्रेडिट कार्ड भी होते हैं । दूकान से तो लेने में हिचक हो या उम्र आड़े आये मगर यहाँ? यह उम्र बस प्रयोग चाहती है । विशेषकर जो मना होता है वो करना चाहती है। नकारात्मक वस्तुएं ज्यादा आकर्षित करती हैं इन्हे। कहीं न कहीं एक दीवार ,एक बैरियर था पर इस product को on line available कराना कहाँ तक उचित है?
किस समाज का निर्माण कर रहे हैं हम और भावी पीढ़ी को क्या दिशा दे रहे हैं? फिर कल को यह पीढ़ी गलत करेगी तो कोसेंगे इसे। पर हम इनके पथ निर्माण के लिए क्या कर रहे हैं?
स्वाति वल्लभा राज
sabkuch patan ki or hi ja raha hai ............bahut hi sahi sawal uthaya hai aapne.....
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