अनीह ईषना
Wednesday, 10 July 2013
जीवन (हाइकु)
चौपड़ हीं है,
जीवन हर पल,
दाँव पर जो |
एक आसरा,
तुझ पर मालिक
बना रहे यूँ|
कंटील पथ,
दिशाएँ विचलित
रहे अडिग |
मनोबल है,
तुझ पर आश्रित
अच्युत रहे |
स्वाति वल्लभा राज
1 comment:
विभा रानी श्रीवास्तव
10 July 2013 at 14:47
आत्मविश्वास मजबूत कर लो
"मन के हारे हार है
मन के जीते जीत"
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आत्मविश्वास मजबूत कर लो
ReplyDelete"मन के हारे हार है
मन के जीते जीत"