Sunday, 31 January 2016

घर बसाने की​ ​बात करती हूँ

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​यक़ीनन हर रोज
अंदर कुछ मरता है मेरे, 
जब भी तुझे 
जगाने की बात करती हूँ । 
दोज़ख में दफन होती  हैं 
हर नाकामयाब कोशिश , 
जब भी जिस्म पर गड़े निशान
हटाने की बात करती हूँ । 
डायन भी सात घर छोड़ 
बच्चे उठाती, सुना है मैंने,
सहम जाती  कोख मेरी जब भी
घर बसाने की
​ ​
बात  करती हूँ । 


स्वाति वल्लभा राज 

Saturday, 30 January 2016

तब क्या होता ?

देखा मैंने आज 
कचड़े के ढेर में 
पड़ा  तिरंगा । 
अंतर्मन भींग गया 
एक पल में लाखों विचार 
चीड़ फाड़ गए । 
हाथ गया कचड़े के डिब्बे में 
और पनीली आँखों से 
पोंछा तिरंगे का कचड़ा ,
अफरातफरी हर ओर 
कार्यालय की मैडम ने 
हाथ जो डाला था कूड़े में ,
''आपने क्यों निकला 
हाथ गंदे हो गए ''
मन फिर भर गया 
बोल कुछ नहीं पायी 
सिर्फ तिरंगा दिखा दिया ,
किसी ने कहा मैडम 
जाता तो कूड़े में हीं है 
मैं ठगी रह गयी ,
मगर जोर दे कहा 
जाता होगा ,अपने आँख के सामने नहीं जाने दूंगी । 
सब ख़ामोशी के साथ 
तितर बितर हो गए । 
मैं बस सोचती रह गयी
चार  दिन पहले का
तिरंगे पर का भाषण 
और अगर इसी कूड़े में 
पड़ा होता इबादत के बाद 
मूर्ति या   कुरान ,गुरुग्रंथ के कुछ पन्ने 
तब क्या होता ?

स्वाति वल्लभा राज 

Wednesday, 20 January 2016

भारत में धर्म निरपेक्षता

मालदा में उत्पन्न स्तिथि पर केंद्र सरकार ने जो दो सदस्यीय दल भेजा था उसे लोगों से नहीं मिलने नहीं दिया गया । भाजपा के कुछ नेता मिलने गए तो जेल भेजे गए । बाकि किसी दल का कोई प्रतिनिधि नहीं गया । 
कारण - आप बताये 
दादरी में जो घटना हुयी वह केजरीवाल से लेकर राहुल गांधी तक पहुंचे और वह संसदीय छेत्र जिसके अंतर्गत आता है जब उंहोने दौरा किया तो वह राजनीति थी । संसदीय क्षेत्र भाजपा के अंतर्गत है । 
कारण -आप बताये 
हैदराबाद में जो हुआ उसके मुख्य बिंदु :
राहुल गांधी भ्रमण कर चुके हैं । केजरीवाल जी कतार में हैं ।
मृत छात्र के पत्र के जिस अंश पर राजनीति हो रही जिसमें लिखा गया है- ''सामाज में आपकी स्तिथि हीं सब कुछ है । '' इसके कई अर्थ निकाले जा सकते हैं मगर जो समझदानी में समझ से लबालब भरे हैं उनका मानना है दलित की स्तिथि से है । ध्यान देने योग्य बात है सदियों से चली आ रही दलितों की दयनीय स्तिथि अचानक ''असहिष्णुता '' के वजह से इतनी बिगड़ गयी की अवार्ड वापसी हो रही है ।
और ध्यान दे हाई कोर्ट का विचार भी इस मामले में क्या था ।
भारत में धर्म निरपेक्षता का मतलब '' अल्पसंख्यकों और दलितों के हर मामले को तूल देना और मजहबी रंग देना । बहुसंख्यक छैटा के छैटा काट दिए जाए , हटा दिए जाए , मार दिए जाए तो भी कोई फर्क नहीं पड़ता । ''
इन घटनाओ से जो सबक लेनी चाहिए वो कोई नहीं ले रहा । ना सत्ता धरी ना विपक्ष । colleges को गन्दी राजनीति से दूर रखना और कॉलेज में गन्दी राजनीति ना होने देना ये विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी है । कोई कॉलेज या university अछूती नहीं है ।
सोच का दायरा बढ़ने की जरुरत है । विषय को समझने की जरुरत है । जो दूर दूर तक नहीं दिखाई देती ।
स्वाति वल्लभा राज