मालदा में उत्पन्न स्तिथि पर केंद्र सरकार ने जो दो सदस्यीय दल भेजा था उसे लोगों से नहीं मिलने नहीं दिया गया । भाजपा के कुछ नेता मिलने गए तो जेल भेजे गए । बाकि किसी दल का कोई प्रतिनिधि नहीं गया ।
कारण - आप बताये
दादरी में जो घटना हुयी वह केजरीवाल से लेकर राहुल गांधी तक पहुंचे और वह संसदीय छेत्र जिसके अंतर्गत आता है जब उंहोने दौरा किया तो वह राजनीति थी । संसदीय क्षेत्र भाजपा के अंतर्गत है ।
कारण -आप बताये
हैदराबाद में जो हुआ उसके मुख्य बिंदु :
राहुल गांधी भ्रमण कर चुके हैं । केजरीवाल जी कतार में हैं ।
मृत छात्र के पत्र के जिस अंश पर राजनीति हो रही जिसमें लिखा गया है- ''सामाज में आपकी स्तिथि हीं सब कुछ है । '' इसके कई अर्थ निकाले जा सकते हैं मगर जो समझदानी में समझ से लबालब भरे हैं उनका मानना है दलित की स्तिथि से है । ध्यान देने योग्य बात है सदियों से चली आ रही दलितों की दयनीय स्तिथि अचानक ''असहिष्णुता '' के वजह से इतनी बिगड़ गयी की अवार्ड वापसी हो रही है ।
और ध्यान दे हाई कोर्ट का विचार भी इस मामले में क्या था ।
भारत में धर्म निरपेक्षता का मतलब '' अल्पसंख्यकों और दलितों के हर मामले को तूल देना और मजहबी रंग देना । बहुसंख्यक छैटा के छैटा काट दिए जाए , हटा दिए जाए , मार दिए जाए तो भी कोई फर्क नहीं पड़ता । ''
इन घटनाओ से जो सबक लेनी चाहिए वो कोई नहीं ले रहा । ना सत्ता धरी ना विपक्ष । colleges को गन्दी राजनीति से दूर रखना और कॉलेज में गन्दी राजनीति ना होने देना ये विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी है । कोई कॉलेज या university अछूती नहीं है ।
सोच का दायरा बढ़ने की जरुरत है । विषय को समझने की जरुरत है । जो दूर दूर तक नहीं दिखाई देती ।
स्वाति वल्लभा राज
कारण - आप बताये
दादरी में जो घटना हुयी वह केजरीवाल से लेकर राहुल गांधी तक पहुंचे और वह संसदीय छेत्र जिसके अंतर्गत आता है जब उंहोने दौरा किया तो वह राजनीति थी । संसदीय क्षेत्र भाजपा के अंतर्गत है ।
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हैदराबाद में जो हुआ उसके मुख्य बिंदु :
राहुल गांधी भ्रमण कर चुके हैं । केजरीवाल जी कतार में हैं ।
मृत छात्र के पत्र के जिस अंश पर राजनीति हो रही जिसमें लिखा गया है- ''सामाज में आपकी स्तिथि हीं सब कुछ है । '' इसके कई अर्थ निकाले जा सकते हैं मगर जो समझदानी में समझ से लबालब भरे हैं उनका मानना है दलित की स्तिथि से है । ध्यान देने योग्य बात है सदियों से चली आ रही दलितों की दयनीय स्तिथि अचानक ''असहिष्णुता '' के वजह से इतनी बिगड़ गयी की अवार्ड वापसी हो रही है ।
और ध्यान दे हाई कोर्ट का विचार भी इस मामले में क्या था ।
भारत में धर्म निरपेक्षता का मतलब '' अल्पसंख्यकों और दलितों के हर मामले को तूल देना और मजहबी रंग देना । बहुसंख्यक छैटा के छैटा काट दिए जाए , हटा दिए जाए , मार दिए जाए तो भी कोई फर्क नहीं पड़ता । ''
इन घटनाओ से जो सबक लेनी चाहिए वो कोई नहीं ले रहा । ना सत्ता धरी ना विपक्ष । colleges को गन्दी राजनीति से दूर रखना और कॉलेज में गन्दी राजनीति ना होने देना ये विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी है । कोई कॉलेज या university अछूती नहीं है ।
सोच का दायरा बढ़ने की जरुरत है । विषय को समझने की जरुरत है । जो दूर दूर तक नहीं दिखाई देती ।
स्वाति वल्लभा राज
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