रंगों की परत तस्वीर को ऊपर से सुन्दर और मनमोहक बनाती है, लेकिन उनके नीचे छुपी काली लकीरें तो होती ही है | तो गुजरे वक़्त की सीलन भी उसी तरह जीवन के तस्वीर को खीचने का आधार होती है | रंगों की परत से उन्हें खुबसूरत बनाये न की उन्हें मिटाने की कोशिश करे |
Dekh yun waqt ki dehleez se takraa ke naa gir
ReplyDeleteRaaste bandd nahi sochne waalo ke liye...
(anonymous)
गुज़रे वक़्त की सीलन बहुत अच्छा प्रयोग किया है । कम शब्दों में बहुत सारी बात कह दी है ।
ReplyDeleteरंगों की परत तस्वीर को ऊपर से सुन्दर और मनमोहक
ReplyDeleteबनाती है, लेकिन उनके नीचे छुपी काली लकीरें तो होती ही है |
तो गुजरे वक़्त की सीलन भी उसी तरह जीवन के तस्वीर को
खीचने का आधार होती है | रंगों की परत से उन्हें खुबसूरत
बनाये न की उन्हें मिटाने की कोशिश करे |
हिन्दी ब्लॉगजगत के स्नेही परिवार में इस नये ब्लॉग का और आपका मैं संजय भास्कर हार्दिक स्वागत करता हूँ.
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