शहीदों की चिताओं पे
लगेंगे हर बरस मेले|
वतन पे मरने वालों का
यही बाकि निशां होगा|.......शत्-शत् नमन समस्त शहीदों को...
ना जग प्यारा ना कहानी प्यारी,
प्यारी थी जिन्हें सिर्फ आज़ादी|
पराधीन देखते जब तुझको माँ,
आँख जिनकी भर आती|
तुर्क,मुगलक,डच,अंग्रेज,
ना जाने कितने और आतितायी|
रौंदे माँ तुझको निश-दिन,पल-पल
दौलत ही जिन्हें थी बहलाती|
बसंती रंग मे रंग गए दीवाने,
प्राणों की दी होम-आहुति|
नमन उन शहीदों को जिनके
रक्त से मिली ये आज़ादी|
स्वाति वल्लभा राज
so nice ...baut hi sundar .... kuch bhavao ke liye kuch bhi kahna bahut hi muskil hota hai ....
ReplyDeletebas itna hi kahuga ki .....hai naman unko ..jinke aage kal kotuk pani pani ho gaye hai ...
jai hind .... bsa maa se ek aaraju rahegi kabhi pani guad me mujhe bhi bulaye !!
शहीदों को नमन ...अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।
ReplyDeleteशहीदों को शत -शत नमन ...
ReplyDeleteनमन वीर शहीदों को।
ReplyDeleteसादर