पढ़ें तो बहुतेरे हम भी,
तेरी आँखों से बेहतर कोई किताब नहीं....
मयखाने में बीती रातें मगर,
तेरी बातों से नशीली शराब नहीं.....
जिंदगी ने कई सवाल किये
तुझसे खूबसूरत
कोई जवाब नहीं....
हर जख्म भरे भरे से हैं
खुशियों पर भी कोई नकाब नहीं......
पाक ,खुदा की इबादत सी
तेरी सादगी का कोई हिसाब नहीं....
कुरान की आयतों का
सुकून,
तेरी शख्सियत जैसा आदाब नहीं......
स्वाति वल्लभा राज....
वो लम्हा जब मोहब्बत और इबादत में एक ज़र्रे का भी फ़ासला नहीं बचता!
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति ,
शुभकामनाएं!
प्रेम ही तो इबादत है....
ReplyDeleteबहुत ही बेहतरीन रचना....
प्रेम बेहतरीन इबादत है.
ReplyDelete.सुन्दर प्रस्तुति ,..
यही तो इन्तेहा है इश्क की.....................
ReplyDeleteबहुत सुंदर!!!
बहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteसादर
जिंदगी ने कई सवाल किये
ReplyDeleteतुझसे खूबसूरत कोई जवाब नहीं....
यकीनन
waah kya baat hai. pyar isi ka naam hai.
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