आशुफ़्ता क्यों हर बात पर,
आईना शर्मशार क्यों?
आब-ए-चश्म में डूबी आँखें
आजिज,आसिम रूह क्यों?
आराईश की नुमाइश क्यों
आहिस्ता सुलगती आदमियत क्यों?
आसिम अपरिचित इंसान क्यों
अख्ज़ आज़ शख्शियत क्यों?
हैवानियत का उच्च आलाप क्यों
बेजान रुखसत आन क्यों?
जिंदगी की बस्ती में
खामोश मुर्द श्मशान क्यों?
swati vallabha raj