Tuesday 14 January 2014

अपाहिज



तुम्हारे हर ईक्षा के  आगे
गूंगी जबान ,
तुम्हारे हर इल्जाम में 
मैं बहरी,
तुम्हारे हर दोष के आगे 
मैं अंधी,
और तोहमत पर 
बेजुबान। 
माँ, बहन, बेटी और पत्नी हीं  नहीं  
शायद सबसे बड़ी अपाहिज भी हूँ । 

स्वाति वल्लभा राज 

Sunday 12 January 2014

liquid basket ? ? ?




बस इसी की  कमी रह गयी थी।  जिस चीज की लत परिवार  और समाज की नींव हिला रही है, उसे और आसानी से उपलब्ध कराना । मैं हैरानी में थी  जब पिछले २-४ दिनों से liquid basket  का ऐड देख रही थी।  आज जब उस साईट को लॉग इन किया तो बस मुझे अपना DOB  एंटर करने को कहा । हासास्यपद तो ये लगा कि ऐसा करने के पीछे वजह ये लिखा था कि आपकी age कन्फर्म हो जाये ( आप लीगली alcohol ले सके ) 

क्या अगर कोई बच्चा गलत DOB एंटर करके इसका सेवन करे? आज कल ९-१० के बच्चों के पास भी अच्छी खासी pocket money होती है।   अगर घर से बाहर पढ़ाई कर रहे हैं तो  debit और क्रेडिट कार्ड भी होते हैं । दूकान से तो लेने में हिचक हो या उम्र आड़े आये मगर यहाँ?  यह उम्र बस प्रयोग चाहती है । विशेषकर जो मना होता है वो करना चाहती है। नकारात्मक वस्तुएं ज्यादा आकर्षित करती हैं इन्हे। कहीं न कहीं एक दीवार ,एक बैरियर था पर इस product को  on line available कराना कहाँ तक उचित है? 

किस समाज का निर्माण कर रहे हैं हम और भावी पीढ़ी को क्या दिशा दे रहे हैं? फिर कल को यह पीढ़ी गलत करेगी तो कोसेंगे इसे।  पर हम इनके पथ निर्माण के लिए क्या कर रहे हैं? 

स्वाति वल्लभा  राज