Thursday 27 February 2014

बनो महाकाल




भोले भंडारी नहीं 
बनो महाकाल,
करो तांडव
असत्य पर,  
पाप का करो 
हलाहल पान,
कर दो दमन 
हिम जैसे अहम् का,
अवतरण कर दो 
पापनाशिनी गंगा का ,
जागो युगों के 
साधना से,और 
साधो पापकर्म को 
आततायिओं का वध कर
पाप-मुक्त कर दो 
सातों भुवन -भांड। 

स्वाति वल्लभा राज 




Saturday 22 February 2014

बस्ती बनाएँ




दिलजलों की चलो सुन्दर बस्ती बनाएँ 
पत्थरों को पूजकर एक हस्ती बनाएँ 
आँसू तो सब देते हैं,दाम लेकर 
हम मुस्कान को हीं सस्ती बनाएँ...


स्वाति वल्लभा राज