Saturday 27 October 2012

पक्का घड़ा




सांस तो है चल रही,
पर महसूस कुछ ना हो रहा,
जिंदा हूँ या मृत हुई
एहसास ना कुछ हो रहा|

शब्द औ भावनाएं गुम सी
जड़,निर्मूल खुद को पा रही,
अस्तित्व तो स्थावर हुई,
पर स्वयं जंगम हुई जा  रही|

सोचा खुद को मिट्टी का लोंदा
पर निकली मैं  पक्का घड़ा,
कैसे बदलूं परिपक्वता ये
पाऊं कैसे स्वीकृत रूप बड़ा|

बिखरे,लूटे सम्मान की
समाधी एक   बना डालूँ,
या चंद  कतरों  के वास्ते
नीलामी उनकी कर डालूँ |


कालजयी,इस काल को तुम
मौन सहमति दे रहे,
क्या करूँ,हे ईश!अब मैं
जो तुम भी निष्ठुर हो रहे|

स्वाति वल्लभा राज

Wednesday 24 October 2012

तांका(जय माँ अम्बे)





अम्बे भवानी
कलुष निवारणी
भय हारणी
मोह-माया तारणी
मुंड-माला धारणी|


शताक्षी,आर्या
शाम्भवी, भव्या,क्रूरा
साधवी,माया 
आद्या, शक्ति स्वरूपा 
नमो नमः हे दुर्गा|

स्वाति वल्लभा राज

Tuesday 16 October 2012

जय माता दी (हाइकु )



पावनी माता 
आशीष बरसाए 
 उल्लास लाये।

शक्ति की  स्रोत 
रख दो हम पर 
वरद हस्त ।

अष्ट भुजी माँ 
असुर मर्दिनी माँ 
 कृपा बनाओ ।

अटल आस 
विश्वास रहे सदा 
ऐसा  भाग्य दो।


 स्वाति वल्लभा राज