Friday 6 January 2012

प्रार्थना

भगवान जी ! मेरे पापाजी को जल्दी से ठीक कर दो | वो जल्दी से घर आ जाये | आप सभी प्रार्थना करें की वो जल्दी से ठीक हो कर घर आ जाएँ |




ईक्षा, ईहा, डाह, लिप्सा,
क्या ये नरक के द्वार हैं?
अनुभूतियों अनुभवों के
उठते सैकड़ों ज्वार हैं|


नाच रही है सोच मेरी,
अनगिनत धुरियों के इर्द-गिर्द,
पर क्या करूँ जो समझ है
एक ही पिंड को सुपुर्द|


देखती हूँ जीवन को रोज
दो-दो हाथ करते परम शाश्वत सत्य से,
सच  है तो कटु होगा ही,
निः-शब्द हूँ अपेक्षित, असमय  इस कृत्य से|


हे ईश! अवगत  हूँ मैं
तेरे सृष्टि की नियमावली से,
पर एक विनम्र  विनती है 
दर्द-प्रार्थना मिश्रित अरावली से|

दूर रख इस सत्य से अभी 
कुछ बीस-तीस साल मुझे,
जीना,अधिकार उन आँखों का है
जिसने सींचा हर काल मुझे|


पी ले वह जीवन भी 
वास्तविक जीवन का रस 
सच-झूठ के पेशों-पश से परे,
सपनों के हकीक़त का यश|




ॐ साईं राम 



स्वाति वल्लभा राज 

































4 comments:

  1. साई प्रार्थना सुनते हैं - अवश्य सुनेंगे

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  2. अंकल जी शीघ्र ठीक हो जाएंगे।
    आप निश्चिंत रहें।


    सादर

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  3. साई सब ठीक कर देंगे....चिंता मत करो......बस साई पर भरोसा रखो।

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