Tuesday 28 February 2012

नाकाम कोशिश- राजनीति


राजनीति
अहिंसा,सत्याग्रह के दत्तक ही
भूल चले उस राह को.
नत-मस्तक हूँ मै
हे राजनीति !
तेरे काया-कल्प पर !
स्वर्णिम इतिहास रचने वाले
पोत रहे अब स्याही,
नत-मस्तक हूँ  मै हे! राजनीति
तेरे नव रूप पर ! 


नाकाम कोशिश
कर गए बेपर्दा 
अनकहे ज़ख्मो को ये आँसू,
कोशिश तो की थी हमने
ता-उम्र मुस्कुराने की |

स्वाति वल्लभा राज



5 comments:

  1. सुन्दर क्षणिकाएं...
    कर गए बेपर्दा
    अनकहे ज़ख्मो को ये आँसू,
    कोशिश तो की थी हमने
    ता-उम्र मुस्कुराने की |

    बहुत बढ़िया ...

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  2. नाकाम कोशिश
    कर गए बेपर्दा
    अनकहे ज़ख्मो को ये आँसू,
    कोशिश तो की थी हमने
    ता-उम्र मुस्कुराने की |...पर अनकहे दर्द उभर आए , बहुत गहरी अभिव्यक्ति

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  3. दोनों क्षणिकाएं अलग अलग मूड की ... बहुत अच्छी लगीं ...

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  4. बहुत ही बढ़िया।

    सादर

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  5. रचना अच्छी लगी।

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