Thursday 9 June 2011

कशमकश

 बादलो को घिरता देख आज 
मन फिर से भरमा गया |
आज नाचूंगी या
बादलो के संग
अन्तः मन को भिगोउंगी  मै |

स्वाति वल्लभा राज 



3 comments:

  1. सुन्दर अभिव्यक्ति



    कृपया टिप्पणी बॉक्स से वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...

    वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
    डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो करें ..सेव करें ..बस हो गया .

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  2. हर शब्‍द बहुत कुछ कहता हुआ, बेहतरीन अभिव्‍यक्ति के लिये बधाई के साथ शुभकामनायें ।

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