Tuesday 14 June 2011

और प्यार हो गया

जमाने की रुसवाइयां भी कर गए अनदेखा 
उनके दर्द को इस कदर लगाया खुद से|

दफन कर गये हर एहसास को अपने       
उनके ख्वाबो को यूं सजाया खुद से|

स्वाति वल्लभा राज 

3 comments:

  1. आप का ह्र्दय से बहुत बहुत
    धन्यवाद,
    ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.
    मेरे ब्लॉग से जुड़ने के लिए और बहुमूल्य टिपण्णी देने के लिए

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  2. सुन्दर प्रयास स्वाती जी

    सादर
    श्यामल सुमन
    +919955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com

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