Wednesday 8 June 2011

इंतज़ार और सही

आंसुओ के सैलाब में डूबे अरमान और 
थकती हुई चाहत जरुर  है मगर
इरादे अब भी गगनचुम्बी है
हौसले अब भी अटल है |


सपने हकीकत के लिबास में
आएगी सज धज के, 
उन सपनो के तामीर को
इंतज़ार और सही |


स्वाति वल्लभा राज 





2 comments:

  1. वाह पहली बार पढ़ा आपको बहुत अच्छा लगा.
    आप बहुत अच्छा लिखती हैं और गहरा भी.
    बधाई.

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  2. एक एक कर आपकी हर रचना पढ़ी और हर रचना एक से बढ़ कर एक लग रही है....
    हमने आपको फोल्लो कर लिया है.....

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